हरिद्वार, 30 अगस्त।
गायत्री विहार कालोनी, भूपतवाला स्थित जलाराम सेवा सदाव्रत ट्रस्ट इन दिनों विवादों के घेरे में है। ट्रस्ट की संस्थापक अध्यक्ष 75 वर्षीय गीता बेन ने प्रेस क्लब में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने अपनी जीवनभर की जमा पूंजी से आश्रम का निर्माण कराया, लेकिन ट्रस्ट के कुछ पदाधिकारी भू-माफियाओं के साथ मिलकर कब्जे की साजिश रच रहे हैं। गीता बेन का आरोप है कि उन्हें डराकर आश्रम से निकाल दिया गया और उनका सामान भी छीन लिया गया। इस दौरान जूना अखाड़े की महामंडलेश्वर साध्वी सरोजनी गिरी ने भी उनका समर्थन करते हुए प्रशासन से कार्रवाई की मांग की।
वहीं, ट्रस्ट के महासचिव स्वामी प्रेमानंद महाराज और ललित पुरी ने पलटवार करते हुए गीता बेन और सरोजनी गिरी पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि 2019 में गठित ट्रस्ट में गीता बेन अध्यक्ष बनीं थीं, लेकिन बाद में सरोजनी गिरी के बहकावे में आकर संपत्ति बेचने का प्रयास करने लगीं। उन्होंने कहा कि आश्रम की छवि धूमिल करने और भाजपा पार्षद आकाश भाटी को बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
शनिवार को गीता बेन और सरोजनी गिरी ने दोबारा प्रेस वार्ता कर बताया की उनके सभी आरोप निराधार है बैंक ट्रांजेक्शन और रजिस्ट्री के दस्तावेज पेश किए और खुद को वैध अध्यक्ष बताया। कहा की पुलिस भी उनका साथ दे रही है, सभी पेपर पक्के होने के बावजूद उन्हे न्याय नहीं मिल रहा है उन्हे उनके आश्रम से बहार निकाल दिया गया है दर दर भटकने को मजबूर है। उन्होंने कहा की यदि पुलिस प्रशासन उन्हे न्याय नहीं दिलाता है तो वह अखाड़े मे ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ओर प्रधानमंत्री से भी मिलकर न्याय की गुहार लगाएंगी।
धार्मिक नगरी हरिद्वार में यह विवाद अब तूल पकड़ चुका है। दोनों पक्ष प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहे हैं।











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