एस एम जे एन महाविद्यालय में आज उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के रजत जयंती समारोह के उपलक्ष में मनाए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के क्रम में उत्तराखंड राज्य महोत्सव कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ। उक्त कार्यक्रम की पाक्षिक श्रृंखला के क्रम में आज दिनांक 3 नवंबर 2025 मे रंगोली प्रतियोगिता का शुभारंभ किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं ने रंगोली के माध्यम से उत्तराखंड की लोक संस्कृति उसकी भौगोलिक और आर्थिक पक्ष को बखूबी रंगों में उकेरा।
उक्त रंगोली प्रतियोगिता में बीए प्रथम सेमेस्टर की दो छात्राओं तृप्ति और कनिष्का की रंगोली को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया जबकि मालती , शिखा और काजल चौहान की रंगोली और गुंजन की रंगोली को संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान मिला। तीसरा स्थान तान्या अनुष्का , निक्की और सिमरन तथा दिव्यांशु और अदिति के अपन आर्ट को संयुक्त रूप से मिला। जबकि निहारिका ,टिया,मोनिका कोठियाल और जानवी कपूर की रंगोली जिन्होंने ईगास बग्वाल को रंगों के माध्यम से प्रदर्शित किया को विशेष पुरस्कार देने की घोषणा की गई।
महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं में उत्तराखंड की विशेष भौगोलिक संरचना उसके इको सिस्टम, उसके वन्य जीव जंतु और पेड़ पौधे और विशेष सांस्कृतिक विरासत को रंगोली के माध्यम से व्यक्त करने का प्रयास किया।
इस अवसर पर बोलते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा ने अपने संबोधन में कहा की उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर महाविद्यालय ने पाक्षिक कार्यक्रमों की श्रंखला शुरुआत की है, और आज रंगोली के माध्यम से छात्र छात्राओं ने यह संदेश देने में सफलता प्राप्त की कि उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास हेतु हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को संभाल कर रखना होगा तथा आगे आने वाली पीढ़ी को यह सांस्कृतिक विरासत सौंपनी होगी ।वास्तव में उत्तराखंड इस देश की समृद्धि सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है उन्होंने इस अवसर पर बद्री ,केदार , तीर्थ यात्रा, नंदा देवी राजजात, ईगास बग्वाल ,वनीकरण, उत्तराखंड के विशेष भौगोलिक आयाम इत्यादि के संरक्षण हेतु युवा पीढ़ी ने रंगोली के माध्यम से प्रयास करने की सार्थक अपील की।
इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा की आज का कार्यक्रम वास्तव में छात्र-छात्राओं द्वारा उत्तराखंड की संस्कृति में बढ़ती रुचि का परिचायक है और जिस उत्साह से छात्र-छात्राओं ने रंगोली पर कार्यक्रम में भाग लिया है वह इस बात का द्योतक है अच्छा हमारे छात्र-छात्राएं उत्तराखंड की संस्कृति को भविष्य में भी सहेजने में सक्षम रहेंगे।
उक्त प्रतियोगिता में डॉक्टर मीनाक्षी शर्मा, डॉक्टर पल्लवी शर्मा, दीपिका आनंद ने निर्णायक की भूमिका का निर्वहन किया। जबकि डॉ पूर्णिमा सुंदरियाल डॉक्टर मोना शर्मा और श्रीमती रिचा मिनोचा संयोजक एवं डॉ अमित मल्होत्रा व गौरव बंसल सहसंयोजक थे।
रंगोली कार्यक्रम की थीम में मुख्य रूप से एपन आर्ट, इग़ास बग्वाल, लोकसंस्कृति, नन्ददेवी राज जात फूलदेई इत्यादि रखे गए ।
सर्वांगीण विकास हेतु हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को संभालना होगा : प्रो बत्रा












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