मनसा देवी हादसे की मजिस्ट्रेट जांच पर उठे सवाल, परिजन बोले- सीबीआई से कराओ जांच, दोषियों को बचा रहा सिस्टम

हरिद्वार।
मनसा देवी मंदिर हादसे में आठ श्रद्धालुओं की मौत के बाद शासन-प्रशासन की लीपापोती पर अब सवाल उठने लगे हैं। परिजनों और स्थानीय नागरिकों ने मजिस्ट्रेट जांच पर ही अविश्वास जताते हुए मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। लोगों का साफ कहना है कि मजिस्ट्रेट सरकार और अफसरशाही के दबाव में काम करेगा, जिससे यह जांच सिर्फ खानापूर्ति बनकर रह जाएगी।

हादसे के बाद सरकार ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश तो दिए, लेकिन घटना की गंभीरता को देखते हुए यह कदम अपर्याप्त नजर आ रहा है। परिजनों का कहना है कि जिस सिस्टम की लापरवाही से यह हादसा हुआ, वही सिस्टम अब जांच भी करेगा तो क्या दोषियों तक सच में कार्रवाई पहुंचेगी? हादसे के बाद तरह-तरह की अफवाहें फैलीं, कहीं करंट से भगदड़ की बातें सामने आईं तो कहीं अव्यवस्थाओं और अतिक्रमण को जिम्मेदार ठहराया गया, लेकिन अभी तक सच्चाई सामने नहीं आ पाई है।

मजिस्ट्री जांच से सच्चाई दबेगी, सीबीआई जांच ही विकल्प
सुराज सेवा दल के अध्यक्ष और समाजसेवी रमेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। प्रशासन और नेताओं का गठजोड़ हर बड़ी घटना को रफा-दफा कर देता है। मनसा देवी हादसे में भी यही होता दिख रहा है। मजिस्ट्रेट जांच का मतलब है कि सिस्टम खुद अपने ही खिलाफ जांच करेगा। ऐसे में सच सामने आने की कोई उम्मीद नहीं है। इसलिए इस पूरे प्रकरण की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराई जानी चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को कठोर सजा मिल सके।

₹2 लाख मुआवजा मृतकों का अपमान है
रमेश जोशी ने कहा कि सरकार ने मृतकों के परिजनों को मात्र ₹2 लाख मुआवजा देकर उनकी आत्मा को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि क्या ₹2 लाख में किसी परिवार की क्षति की भरपाई हो सकती है? यह मुआवजा राशि मृतकों के परिजनों के साथ एक क्रूर मजाक है। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि मुआवजा राशि को बढ़ाकर कम से कम ₹20 लाख किया जाए, ताकि मृतकों के परिवार को न्याय मिल सके।

उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं, नशे और माफियाओं पर चलाएं बुलडोजर
जोशी ने कहा कि उत्तराखंड, जो कभी देवभूमि के नाम से जाना जाता था, आज अपराधियों और भ्रष्टाचारियों का अड्डा बन चुका है। नशा, जमीनों पर कब्जे और सिस्टम की लापरवाही ने प्रदेश की छवि को धूमिल कर दिया है। गृहमंत्री अमित शाह से प्रदेशवासियों को उम्मीद है कि जैसे उन्होंने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाकर इतिहास रच दिया, वैसे ही उत्तराखंड को भी माफियाओं और भ्रष्टाचारियों से मुक्त कराएंगे।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
मनसा देवी मंदिर हादसे ने यह साबित कर दिया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा भगवान भरोसे है। प्रशासनिक लापरवाही और अवैध अतिक्रमण की वजह से इस हादसे ने विकराल रूप लिया। अगर समय रहते सुरक्षा के इंतजाम होते और व्यवस्थाओं पर ध्यान दिया जाता तो यह हादसा टाला जा सकता था। अब जबकि घटना हो चुकी है, दोषियों को बचाने का खेल शुरू हो गया है।

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