
देहरादून के वकील द्वारा किये गये व्यवसायिक दुराचार के अपराध पर वकील के विरूद्ध तीन लाख रूपये का जुर्माना
अधिवक्ता रजनीश गुप्ता देहरादून में वर्ष 2000 से वकालत करते है जिनके विरूद्ध अधिवक्ता के०के० गोयल द्वारा बार कौन्सिल आफ इण्डिया में शिकायत की गयी थी कि वकील रजनीश गुप्ता द्वारा एक तलाक के मुकदमे में विपक्षी/प्रतिवादी के निवास के पते के स्थान पर स्वयं के निवास का पता अंकित कर एक तलाक का दावा परिवार न्यायालय देहरादून में दाखिल किया और चूंकि विपक्षी / प्रतिवादी के निवास के पते के स्थान पर वकील रजनीश गुप्ता द्वारा अपना ही पता दर्शाया गया था इसलिए विपक्षी/प्रतिवादी की ओर से वकील रजनीश गुप्ता ने खुद ही समन भी प्राप्त कर लिया और विपक्षी/प्रतिवादी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से तलाक भी करवा दिया और इस प्रकार वकील रजनीश गुप्ता द्वारा गम्भीर व्यवसायिक दुराचार करते हुए न्यायालय को भी धोखा दिया गया है।
इस शिकायत पर बार कौन्सिल आफ इण्डिया द्वारा दोनो पक्षों को विस्तार से सुनने के पश्चात सार्वजनिक रूप में विपक्षी वकील रजनीश गुप्ता पर 3,00,000/- रूपये का जुर्माना इस शर्त के साथ अधिरोपित किया कि दो सप्ताह के भीतर 3,00,000/- रूपये की जुर्माने की राशि बार एसोसिएशन देहरादून में जमा न किये जाने पर उनकी वकालत के पेशे से छः माह के लिए प्रतिबन्धित कर दिया जायेगा। बार कौन्सिल आफ इण्डिया की अनुशासनात्मक कमेटी ने यह कहा कि वकील रजनीश गुप्ता द्वारा 3,00,000/- रूपये जुर्माने की राशि बार एसोसिएशन देहरादून में जमा करने की स्थिति में यह धनराशि वकीलो के हित में प्रयोग की जायेगी।











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