ऋषिकुल में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 29 से, राज्यपाल और आचार्य बालकृष्ण शास्त्री करेंगे शुभारंभ

हरिद्वार। उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय पंचकर्म विभाग ऋषिकुल परिसर हरिद्वार के तत्वावधान में “International Conference on Recent Advancements in Panchkarma 2025” का दो दिवसीय आयोजन 29 सितंबर से किया जाएगा।

प्रेस क्लब सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए
सम्मेलन आयोजक प्रो. डॉ. आलोक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि यह सम्मेलन आयुर्वेद, पंचकर्म चिकित्सा विज्ञान की नवीनतम प्रगति, शोध और अनुभव साझा करने का एक अनूठा मंच सिद्ध होगा। इस आयोजन का उद्देश्य पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक शोध को एक साथ जोड़कर वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद की प्रतिष्ठा को सुदृढ़ करना भी है।

कहा कि दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ उत्तराखण्ड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह की ओर से पतंजलि योगपीठ के संस्थापक सचिव आचार्य बालकृष्ण महाराज और उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. अरुण त्रिपाठी की उपस्थिति में होगा।

सम्मेलन के पहले दिन विभिन्न वैज्ञानिक सत्रों का आयोजन होगा। इस अवसर पर देश-विदेश के ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ अपने शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे। पंचकर्म की प्रासंगिकता और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के साथ इसके सामंजस्य पर अपने विचार साझा करेंगे, जिससे पंचकर्म विज्ञान के वैश्विक परिप्रेक्ष्य में उन्नयन और ज्ञान-विस्तार संभव होगा।

वैज्ञानिक सत्रों में विद्वतापूर्ण व्याख्यान प्रो. डॉ. आनंद चौधरी, प्रो. डॉ. अरुण गुप्ता, प्रो. डॉ. संतोष भट्टेड और डॉ. संजीव रस्तोगी देंगे। इन सत्रों की अध्यक्षता प्रो. डॉ. यूएस निगम करेंगे।

सम्मेलन के दूसरे दिन भी वैज्ञानिक सत्रों की श्रृंखला जारी रहेगी। इसमें विशेष रूप से पंचकर्म चिकित्सा की प्रत्यक्ष प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी, जिसमें आधुनिक परिप्रेक्ष्य में पंचकर्म उपचार की कार्यविधियों का प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान किया जाएगा। यह प्रदर्शन चिकित्सकों और विद्यार्थियों दोनों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी होगा।

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